दोस्तों, आपको बता दें कि INS VIKRANT भारत का पहला Aircraft Carrier है। आपको बता दें कि आई एन एस विक्रांत को पिछले 13 सालों से बनाया जा रहा था, जिसमें 2000 इंजीनियर, वर्कर्स और टेक्नीशियन लगे हुए थे और अब आई एन एस विक्रांत बनकर तैयार हो चुका है तो पीएम मोदी इसको 2 सितंबर को भारत को समर्पित करने जा रहे हैं।
विस्तार – इंडियन नेवी ने गुरुवार को दिल्ली में यह घोषणा की थी कि 2 सितंबर को जब आई एन एस विक्रांत इंडियन नेवी को सौंपा जाएगा तब इसके मुख्य अतिथि नरेंद्र मोदी जी यानी कि हमारे प्रधानमंत्री रहेंगे। इसकी कमिसनरी कोच्चि केरल में होगी जहां पर नरेंद्र मोदी जी भी मौजूद रहेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाइस चीफ (सह-प्रमुख), वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने बताया है कि 2 सितंबर को एक बहुत बड़ा दिन है जो कि भारत को उन 6 देशों में शामिल करेगा | जिसके पास 40000 टन का एयरक्राफ्ट बनाने की क्षमता है। इंडो-पैसेफिक क्षेत्रों में शांति का माहौल लाने में आई एन एस विक्रांत बहुत सहायता करेगा।
13 सालो हुआ INS Vikrant तैयार

पिछले 13 सालों से आई एन एस विक्रांत को बनाया जा रहा था, जिसमें लगभग 2000 इंजीनियर, वर्कर्स और टेक्नीशियन कड़ी मेहनत कर रहे थे। INS Vikrant में लगभग ढाई हजार किलोमीटर लंबी केवल लगी हुई है। इसकी लंबाई की बात करें तो अगर इसकी केवल को बिछाया जाए तो यह केवल लगभग कोच्चि से दिल्ली तक आराम से बिछाई जा सकती है, इसमें 150 किलोमीटर लंबे पाइप और 2000 वॉल्व लगे हुए है। INS VIKRANT को बनाने में 20,000 करोड़ रुपए का खर्चा आया है।
INS विक्रांत के आकार की बात करें तो यह 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। 14 डेक यानि फ्लोर हैं और 2300 कपार्टमेंट हैं. इसपर 1700 नौसैनिक तैनात हो सकते है।
INS VIKRANT का रनवे है बहुत बड़ा
अगर हम किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर की ताकत की बात करें तो सबसे पहले फ्लाइट-डेक का नाम आता है यानी कि रनवे का और INS VIKRANT में रनवे 262 मीटर लंबा है, लगभग दो फुटबाल मैदानी से भी बड़ा। इसकी चौड़ाई है करीब 62 मीटर और ऊंचाई है 50 मीटर की है।
दुश्मन की पनडुब्बी पर रहेगी खास नजर
INS VIKRANT पर जो रोटरी विंग एयरक्राफ्ट्स होंगे, उनमें छह एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर्स होंगे जिसके द्वारा हम दुश्मनों की पनडुब्बी पर खास नजर रख पाएंगे।
आपको बता दे की भारत ने अमेरिका से 24 मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर, एमएच-60 आर यानि रोमियो हेलीकॉप्टर लेने का सौदा किया है जिसमे से दो (02) रोमियो हेलीकॉप्टर भारत के पास आ चुके है।
भारत में एयरक्राफ्ट का आगमन कब से शुरू हुआ
आपको बता दे की भारत ने पहला एयरक्राफ्ट ब्रिटेन से खरीदा जिसका नाम HMS हरक्यूलिस था, इसने ब्रिटेन का साथ दिया और फिर भारत ने इसको खरीदकर इसका नाम विराट रखा और इसकी मरम्मत 1961 में पूरी हुई।
INS VIKRANT स्वदेशी है या नही ?
आपको बता दे की यह भारत द्वारा बनाया गया पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है और यह 76% स्वदेशी है। इसके निर्माण में भारत को 13 वर्ष लगे और इसमें 20,000 करोड़ का खर्च आया है।
INS VIKRANT का निर्माण किसने किया ?
आपको बता दे की इसका निर्माण करने का पूरा योगदान कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (Cochin Shipyard Limited) को जाता है यह एक भारत का ही उमक्रम है, यह उपक्रम मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग (Ministy of Shipping) के अंदर आता है।
अधिक पढ़े: 49 वें CJI UU Lalit एक कमाल के क्रिमिनल लॉ स्पेशलिस्ट